शुक्रवार, २१ एप्रिल, २०२३

जेष्ठ Nagarik

आमची जेष्ठ नागरिक सन्स्थ म्हणजे महात्मा फुले जेष्ठ नागरिक सेवाभावी संस्था पाटने.सभासद फ़क्त ५० आहेत.आम्ही प्रतेकाचा वाढदिवस साजरा करतो। ज्याचा वाढदिवस असतो त्याच्या घरी आम्ही सरे जमातो। त्याचा सत्कार करतो । गाणी म्हणतो। त्याच्या जीवनावर भाषानेही करतात। त्याचा कधीच वाढदिवस साजरा ज़लेला नव्हता। त्याला ज़लेला आनंद सर्वाना आनंद देवून जातो.

शुक्रवार, ७ नोव्हेंबर, २०१४

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nagar-nashik: Ahmadnagar ¹ naaiSak kaya-karINaI sa%kar samaarM...:                                     अहमदनगर  नासिक कार्यकारिणी सत्कार समारम्भ पाटणे  पाटणे -येथील महात्मा फुले  जेष्ठ  नागरीक  सेवाभाव...

शनिवार, ११ सप्टेंबर, २०१०

सोसायटी पाटणें

ऐका हो ऐका
प्रस्थापितानी घातला घाट
सोसायटी साठी मांडला पाट
आपल प्यानेलची धरली वाट
युवकानी ही बांधली गाठ
परिवर्तन ची दिली हाक
आक्रित झाल आक्रित झाल
परिवर्तन ची आली लाट
आपल प्यानेल ची लावली वाट

बुधवार, १ सप्टेंबर, २०१०

jagan


जगन यह मेरे सालेका नाम है। मुझे चार साले थे । जगन दो नंबर का है। उसके दो भाई मर गए। जगन माँ का सब से प्यारा है। माँ तो नहीं रही। माँ जाने से बहुत दिन तक ओ गुम्सुम्रहता था अब संभल चूका है। वह बहुत ही मेहनती है। पुराणी आठवी कक्षा पास होने के कारन इंग्लिश बड़े चाव से बोलते रहता है। पुराने फ़िल्मी गाने उसे बहुत यद् है। जब उसका मूड होता है तो हमेशा गाने गुनगुनाते रहता है।
उसकी पहलीवाली न रहने से उसने दूसरी घरवाली ली। जब दूसरी लायी तो वह कहता था मेरी घरवाली चंदासी सुन्दर है। उसके सुन्दरता के पुल बंधाते वह थकता नहीं। पहली से उसे दो लडके है और दूसरी से दू लड़किया और एक जवान लड़का है। सभी ब्याहते है। अब तो पोते भी आने लगे है। आमतौरपर खुशिया ही खुशिया दिखती है।
वह दाभादी के गिरना कारखाने में कम करता था अब रिटायर हो गया है । सब लडके कमाते होनेसे कोई जिम्मेवारी नहीं है। सब जगन को जगनराव नाम से पुकारते रहते है. ।
                      वाह दिसम्बर  2016 से बिमार पडा ।उसकी श्रीमती ने बहुत सेवा की ।परं क्या करे आयु का तकाजा होता है ,तो जाणा ही पडत है ।होनी को कोई ताल नाही सकता । जगन को भी  जाणा पडा ।15 फरवरी 2017 को उसने इस दुनिया से बीदा ली । 
 महात्मा फुले ज्येष्ठ नागरिक सेवाभावी संस्था पाटणे कि कार्यकारिणी , विश्वास्थ मंडल और दभासद किओर से उन्हे श्रद्धांजली अर्पण करते है । परमात्मा उनकी आत्मा को मुक्ती प्रदान करे यही  प्रार्थना ।

मंगळवार, ३१ ऑगस्ट, २०१०

अनार की खेती

महाराष्ट्र में नाशिक जिला पहले अंगूर के लिए जाना जाता था। किन्तु उसके पहले गन्नोकी खेती जादा प्रसिद्ध थी। क्योंकि गन्नोसे शक्कर की करखान्दारी आगे आ चुकी थी। केवल भारत में ही नहीं दुनिया में महाराष्ट्र की शक्कर का बोलबाला होने लगा। किन्तु पानी की कमी के कारन किसानोने प्याज और अनार की खेती करना शुरू किया.अब तो महाराष्ट्र के कई जिलो में अनार की निपज बढ़ने लगी है। सौभाग्यवश अनार को दम भी अच्छा मिलाने लगा पिछले दो सालोमे लोगोको याने किसनोको बहुत ही पैसा मिला.

सोमवार, ३० ऑगस्ट, २०१०

Kanhaiyya

कन्हैय्या इसका सही नाम वैभव है। जन्म जो की जन्माष्टमी को हुवा है इसीलिए सब उसे कन्हैय्या कहते है। और यही नाम बहुत प्यारा लगता है। उसका चलन भी कन्हैय्या जैसा ही नटखट है। अब वह सतरा का हो गया फिर भी खुद को बालक ही समझता है। दादी माँ हो या उस की माँ किसी से उस की बनती नहीं।
अब वहबच्चा तो रहा नहीं .फिर बच्चा जैसा बर्ताव क्यों करता है। उसकी दादी कहती है किसी वैद को बुलावा भेजो या किसी ब्राहमण के पास जाकर उसकी कुण्डली देखे। इसके बावजूद वह पढाई में असाधारण है। एस एस सी में उसने अच्छे अंक निकाले और उसे इलेक्ट्रोनिक्स से चाव जो है वह इंजिनियर बनना चाहता है। आज उसका जन्म दिन है । हम सभी खुशिया उसे देना चाहते है। तुम जियो हजारो साल ; हर साल के दिन हो पचास हजार।